पंजाब में आलू की नई फसल आने के साथ आलू के दाम जमीन पर आ गए हैं। गुरूवार को जालंधर मंडी में पुराने आलू का दाम पांच रुपये किलो तक गिर गया। जबकि नए आलू के भाव 9 से 11 रुपये प्रति किलो चल रहे हैं।
जालंधर की मंडी में आए नए आलू ने पूरे उत्तर भारत में आलू के दाम पर असर डाला है। बुधवार तक यहां आलू 13 रुपये किलो बिक रहा था लेकिन अचानक आवक बढ़ने से गुरुवार को आलू के दाम 4 रुपये गिर कर 9 रुपये किलो पर आ गए। पुराना आलू भी 9 रुपये किलो से फिसलकर 5 रुपये पर आ गया। जबकि 10 दिन पहले तक जालंधर की मंडी में नया आलू 22 रुपये और पुराना आलू 16 रुपये प्रति किलो चल रहा था।
पंजाब के साथ साथ उत्तर प्रदेश में आलू की नई फसल आना शुरु हो चुकी है। लेकिन वहां आवक की रफ्तार धीमी होने से आलू के दामों पर इतना ज्यादा असर अभी तक नहीं पड़ा है। जालंधर के कारोबारी आलू के गिरते दाम थामने के मकसद से रेल्वे रैक लेने की तैयारी कर रहे हैं ताकि आलू जल्द से जल्द दूसरे राज्यों में भेज दिया जाए।
आलू सस्ता होने से आम लोगों को तो राहत मिली है लेकिन किसानों की परेशानी बढ़ गई है। पिछले साल आलू महंगा होने से उन्हे आलू का बीज महंगा मिला था। मजदूरी और खाद की बढ़ी कीमतों ने फसल की लागत बढ़ा दी थी। ऐसे में अब अगर मंडी में आलू के दाम ठीक नहीं मिले तो किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
जालंधर की मंडी में आए नए आलू ने पूरे उत्तर भारत में आलू के दाम पर असर डाला है। बुधवार तक यहां आलू 13 रुपये किलो बिक रहा था लेकिन अचानक आवक बढ़ने से गुरुवार को आलू के दाम 4 रुपये गिर कर 9 रुपये किलो पर आ गए। पुराना आलू भी 9 रुपये किलो से फिसलकर 5 रुपये पर आ गया। जबकि 10 दिन पहले तक जालंधर की मंडी में नया आलू 22 रुपये और पुराना आलू 16 रुपये प्रति किलो चल रहा था।
पंजाब के साथ साथ उत्तर प्रदेश में आलू की नई फसल आना शुरु हो चुकी है। लेकिन वहां आवक की रफ्तार धीमी होने से आलू के दामों पर इतना ज्यादा असर अभी तक नहीं पड़ा है। जालंधर के कारोबारी आलू के गिरते दाम थामने के मकसद से रेल्वे रैक लेने की तैयारी कर रहे हैं ताकि आलू जल्द से जल्द दूसरे राज्यों में भेज दिया जाए।
आलू सस्ता होने से आम लोगों को तो राहत मिली है लेकिन किसानों की परेशानी बढ़ गई है। पिछले साल आलू महंगा होने से उन्हे आलू का बीज महंगा मिला था। मजदूरी और खाद की बढ़ी कीमतों ने फसल की लागत बढ़ा दी थी। ऐसे में अब अगर मंडी में आलू के दाम ठीक नहीं मिले तो किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।